उस रात के बाद अर्जुन ने अपनी मां को बुला लिया अपने पास, डरा हुआ अर्जुन अब अकेले नहीं रहना चाहता था। उसे अब साथ की जरूरत थी एक साथ की।ये रूपा कौन है? अर्जुन के दिमाग में बस ये ही चल रहा था कि अचानक से स्टोर रूम की बत्तियां झपकने लगीस्टोर रूम की झपकती बत्तियों के बीच अर्जुन की सांसें अटक गईं। रूपा की वो फुसफुसाहट अब सिर्फ़ कानों तक नहीं, सीधे रूह तक उतर गई थी। "तुमने मुझे छोड़ा था…" — ये शब्द उसके भीतर गूंज रहे थे।अर्जुन ने चिट्ठियाँ कसकर थाम लीं। वो दौड़ता हुआ स्टोर