दोस्ती, हालात और मजबूरी की खामोशी

दोस्ती, हालात और मजबूरी की खामोशीजीवन में दोस्ती एक अनमोल रिश्ता है, जो खून के रिश्तों से भी अधिक गहराई लिए होता है। दोस्ती में वह अपनापन होता है जिसे शब्दों में बाँधना आसान नहीं। यह रिश्ता न किसी औपचारिकता का मोहताज होता है और न किसी शर्त का। पर कभी-कभी जीवन की परिस्थितियाँ इतनी उलझी हुई होती हैं कि सबसे करीबी दोस्त से भी हमें दूर होना पड़ता है, और वह भी बिना किसी गलती के। यह दूरी तब और भी ज्यादा कचोटती है जब वह मजबूरी बन जाती है, एक ऐसा फैसला जिसे दिल नहीं बल्कि हालात लेते