अंधकार का देवता - 2

  • 288
  • 87

नीले कांच की 12-मंजिला ऊँची इमारत के सामने पहुंचकर वह रुका। यह वही जगह थी, जहाँ उसे अपमानित किया गया था। जहाँ उसकी मेहनत को कुचला गया था। जहाँ उसे धक्का देकर बाहर फेंक दिया गया था।उसके झुलसे हुए हाथों को देखकर लोग और भी ज्यादा डर गए। कुछ लोगों ने अपनी आँखें फेर लीं, कुछ अपनी जगह से पीछे हट गए, और कुछ वहीं खड़े रह गए जैसे उनकी आँखों के सामने कोई भूत खड़ा हो।फिर पहला चीख़ सुनाई दी।"भ—भूत!!"भीड़ में अफ़रा-तफ़री मच गई। लोग इधर-उधर भागने लगे। कुछ मोबाइल निकालकर वीडियो बनाने लगे। कुछ चिल्ला रहे थे, कुछ