हर्षवर्धन ने कोई जवाब नहीं दिया। वह बिना डरे उनकी ओर बढ़ता गया। तभी एक बदमाश ने ट्रिगर दबा दिया। गोली तेजी से आई, लेकिन हर्षवर्धन झुक गया और बच निकला। इससे पहले कि वे दुबारा हमला करते, वह बिजली की तेजी से आगे बढ़ा और सबसे पास खड़े बदमाश के हाथ से बंदूक छीन ली।एक्शन-पैक्ड लड़ाईअब तक सभी बैंककर्मी और आम लोग साँस रोककर यह नजारा देख रहे थे। हर्षवर्धन और बदमाशों के बीच खतरनाक हाथापाई शुरू हो गई। उसने पहले बदमाश की बंदूक दूर फेंकी और एक घूंसा उसके जबड़े पर मारा, जिससे वह लड़खड़ाकर गिर पड़ा। दूसरा