तेरे इश्क में हो जाऊं फना - 13

कमरे के अंदर – समीरा की प्रतिक्रियासमीरा अपने कमरे में अकेली बैठी थी। किताब उसकी गोद में खुली पड़ी थी, लेकिन उसका ध्यान कहीं और था। खिड़की से आती हल्की हवा के झोंके ने पर्दों को धीमे-धीमे हिलाया, और कमरे में एक सुकून भरी शांति थी। वह कुछ देर तक किताब के पन्नों को घूरती रही, लेकिन उसकी सोच इधर-उधर भटक रही थी।तभी, उसने हल्की आहट सुनी। उसकी अनुभवी समझ ने तुरंत भांप लिया कि उसकी माँ दरवाजे के पास हैं। अगले ही पल दरवाजा खुलने की आवाज आई, और उसने झट से किताब के पन्ने पलटकर पढ़ने का नाटक