मेरा नाम राजीव है,मैं अब सत्तावन साल का हो गया हूँ, लेकिन अभी भी हर रात जब अंधेरा गहराता है, वही आवाज़ें मेरे कानों में गूँजती हैं। कभी-कभी वे इतनी तेज होती हैं कि मैं चौंक कर उठ जाता हूँ और अपने बेडरूम की खिड़की से बाहर देखता हूँ, यह जानने के लिए कि क्या कोई मुझे बुला रहा है। लेकिन हमेशा सिर्फ वही पुराने बरगद का पेड़ मिलता है, जिसकी शाखाएँ हवा में हिलती हैं।यह वही पेड़ है जिसके नीचे तीस साल पहले मैंने वह किया था जिसने मेरी ज़िंदगी हमेशा के लिए बदल दी।मैं सिर्फ सत्ताईस साल का