ONE SIDED LOVE - 2

कॉलेज का माहौल अब थोड़ा जाना-पहचाना लगने लगा था। क्लासेस अब सिर्फ लेक्चर नहीं, एक दिनचर्या का हिस्सा बन चुकी थीं। अन्विता हर सुबह अपनी डायरी के पन्ने पलटती और सोचती — “आज शायद कुछ अलग हो।”लेकिन उसके 'अलग' का मतलब अब सिर्फ एक चेहरा बन चुका था — आरव मेहता।आरव अब उसकी आंखों की आदत बन चुका था।कभी उसे कैंटीन की भीड़ में देखती, तो कभी लाइब्रेरी की सीढ़ियों पर बैठे हुए — कानों में इयरफोन, हाथ में कोई नॉवल या मोबाइल, और चेहरा हमेशा जैसे किसी फिल्म का हीरो हो।वो हँसता तो ऐसा लगता कि कोई गाना चल