तू ख़ामोशी में बसी

  • 768
  • 228

शहर का नाम था 'धरमपुर'। कोई बहुत बड़ा नहीं था, पर इतना भी छोटा नहीं कि खौफ की कोई पहचान न हो।और धरमपुर में नाम चलता था 'मनन राठौड़' का।  उम्र लगभग 37, लेकिन उसके चेहरे पर वक़्त से ज़्यादा कहानियाँ थीं।  चेहरे की दाढ़ी हमेशा सलीके से कटी होती, और आँखें… जैसे किसी ने राख में आग छुपा रखी हो।कभी पुलिस वाला रहा था, फिर सिस्टम से तंग आकर खुद कानून बन गया।  अब MLA भी उससे डरते थे और स्कूल की बच्चियां भी।'काया सीना', 18 साल की लड़की, अभी-अभी गाँव से आई थी धरमपुर पढ़ने।  उसकी आंखों में किताबों के सपने थे