मेरा रक्षक - भाग 8

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 8. सपने मीरा को नींद नहीं आ रही थी। उसे शिवा की याद सता रही थी। उसने शिवा से फोन पर बात कर ली थी पर फिर भी उसे शिवा के पास जाने की इच्छा थी।मीरा अपने कमरे से उठकर, बाहर garden में चली गई। वहां ठंडी हवा उसके गालों को छू रही थी।  मीरा आँखें बंद करके इन हवाओं को महसूस कर ही रही थी तभी कोई उसके पास आकर बैठ गया और उसे खबर भी नहीं थी।रणविजय मीरा को बस देखे जा रहा था। मीरा के उड़ते बाल उसे  किसी जाल के जैसे लग रहे थे जिनमें  वो अपनी मर्ज़ी