राम काव्य परंपरा

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 भक्ति कि बहुत लंबी श्रृंखला है वेदों में कई स्थानों पर राम शब्द का उध्दरण आया है ।राम से संबंधित प्रथम  महाकाव्य महर्षि वाल्मीकि द्वारा रामायण के रूप में जन मानस द्वारा स्वीकार किया गया यही से राम काव्य कि परम्पराओ का शुभारंभ हुआ ।जिससे भारत ही नही अपितु सम्पूर्ण विश्व प्रभावित हुआ  महर्षि वाल्मीकि भगवान श्री राम के समकालीन सीता माता ने महर्षि वाल्मीकि के आश्रम पर ही लव को जन्म दिया था जिससे भगवान राम के विषय मे ब्रह्मर्षि  वाल्मिकी जी द्वारा लिखित महाकाव्य के संदर्भ में संसय हो ही नही सकता ना ही किसी भी अन्य शाक्ष्य