ज़मीन- आसमान

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वाजिद हुसैन सिद्दीक़ी की कहानी ओखला के पश्चिम में छोटा सा इलाक़ा है। यहां टेढ़ी-मेढ़ी गलियां हैं। हर गली अपने आपको एक या दो बार आब-चक में काटती है। ऐसी ही एक बंद गली के छोर पर नसीमा ने अपना आशियाना बना लिया था। उसका एक लड़का था जिसका नाम शाकिर था। वह सरकारी स्कूल में पढ़ता था और देर रात तक लैंप पोस्ट के नीचे प्रश्नों से माथा पच्ची करता रहता था।यह इलाक़ा कल्लु झपटमार के लिए अनमोल था। उसने निडर होकर आसपास के इलाक़े में बीसियों के हिसाब से अपने शिकार बनाए पर कभी पकड़ा नहीं गया। इसका कारण