रात का खाना और अनकही बातेंरात काफी हो चुकी थी। घड़ी की सुइयां बारह के करीब पहुंच चुकी थीं। घर में सन्नाटा था, लेकिन जैसे ही दरवाजे पर दस्तक हुई, सुषमा मासी का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उन्होंने तेजी से दरवाजा खोला और सामने खड़ी लवली, अवनी और मिताली को देखते ही तमतमा उठीं।"इतनी देर से कहाँ थीं तुम तीनों? सुबह गई थीं कॉलेज और अब लौट रही हो?" मासी की आवाज़ में चिंता और गुस्से का मिश्रण था।तीनों सहेलियों ने थके हुए चेहरे से एक-दूसरे की तरफ देखा। वे जानती थीं कि मासी नाराज़ होंगी, लेकिन वे