संजना और हर्षवर्धन एक बड़े, आलीशान लेकिन सुनसान से वैयर हाऊस के डायनिंग टेबल पर बैठे थे। संजना की थाली में गरम-गरम दाल, चावल, और कुछ सब्जियाँ परोसी गई थीं, लेकिन उसे देखकर ही उसका मुंह बिगड़ गया। उसने चम्मच से दाल को हिलाते हुए नाक सिकोड़ ली और फिर बड़े ही नाटकीय अंदाज में कहा,"भला ये कैसा बेकार सा खाना है? उफ्फ, मुझे तो पास्ता, बर्गर, पिज्जा जैसी चीज़ें पसंद हैं! ये उबली हुई सब्ज़ियाँ और दाल-चावल कैसे कोई खा सकता है?"हर्षवर्धन, जो अब तक चुपचाप अपने खाने में व्यस्त था, संजना की बात सुनकर हल्का सा मुस्कुराया और