पुरानी हवेली का राज़

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पुरानी हवेली का राज़ गाँव के उत्तर छोर पर एक पुरानी, वीरान हवेली थी। दीवारें काई से ढकी हुईं, खिड़कियाँ टूटी हुईं, और दरवाज़े हमेशा अजीब सी आवाज़ें करते थे। गाँव के बुज़ुर्ग कहते थे कि वहाँ एक औरत की आत्मा भटकती है, जिसकी मौत कई साल पहले एक रहस्यमयी आग में हुई थी। उस औरत का नाम था सावित्री, और लोग अब भी कहते हैं कि हर अमावस की रात वो हवेली में रोती है। किसी की हिम्मत नहीं होती थी उस हवेली के पास जाने की, लेकिन राहुल—जो शहर से गर्मी की छुट्टियों में गाँव आया था—इन बातों