5. अब वो अजनबी नहीं"धायं" हर जगह अफरा तफरी मच गई, मीरा कुछ समझती उससे पहले ही रणविजय ने मीरा का हाथ पकड़ा और चल दिया। रणविजय की तरफ जैसे ही मीरा ने देखा उसकी चीख निकल पड़ी। रणविजय के कंधे पर गोली लगने की वजह से खून बह रहा था।"स...सर, आपके क...कंधे से खू... खू...खून....."ये कहते हुए मीरा बेहोश हो गई। मीरा जैसे ही बेहोश हुई रणविजय ने उसे थाम लिया। उसे अपनी गोद में लेकर गाड़ी की तरफ जाने लगा। वो अपना दर्द भूल चुका था। उसकी बाहों में इस समय मीरा थी उसे सिर्फ मीरा की चिंता हो