मेरा रक्षक - भाग 4

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4.एक एहसान मीरा को अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था। उसने जैसे ही लिफाफा खोला उसमें पांच लाख का चेक था, और एक ख़त उसमें लिखा था"तुम्हारे भाई के इलाज के लिए।"मीरा को समझ नहीं आ रहा था कि रणविजय को कैसे पता उसके भाई के बारे में और अगर पता भी है तो ऐसे कैसे वो इतनी बड़ी रकम उसे दे सकता बिना किसी मतलब के। ये सब सोचकर मीरा का दिल बैठा जा रहा था, उसे रुपयों की सख़्त जरूरत थी। पर वो किसी माफिया का एहसान नहीं लेना चाहती थी। उसके दिमाग में बस एक ही