रुशाली का वह दिन भी पिछली रात की ही तरह बीता – मन में वही डॉक्टर लड़का छाया रहा और साथ ही अपनी माँ की तबीयत को लेकर चिंता भी बनी रही। उसके दिल-दिमाग में कई सवाल और भावनाएँ चल रही थीं। वह डॉक्टर जो हर सुबह राउंड पर आता, कुछ अलग ही था – कुछ खास। अगले दिन सुबह फिर वही डॉक्टर वार्ड में आया, और आज रुशाली ने पहली बार गौर किया कि उसकी आँखों के नीचे काले घेरे थे। उसे यह देखकर समझ आया कि डॉक्टर की ज़िंदगी कितनी कठिन होती है – दिन-रात ड्यूटी, लगातार मेहनत