चलिए एक नई कहानी शुरू करते हैं – मुम्बई की भीड़भाड़ भरी सड़कों पर चलते हुए, रोहन अपने महंगे सूट में बिजनेस कॉल पर बिजी था। वो एक बड़ा कॉर्पोरेट लॉयर था, जो सिर्फ एक चीज़ में विश्वास करता था पावर और पैसा। उसके लिए इमोशन्स, रिश्ते और छोटे शहरों की सादगी सिर्फ बेवकूफी थी। दूसरी तरफ, काव्या… एक छोटे से पहाड़ी कस्बे से आई एक जुनूनी एक्टिविस्ट, जो कॉर्पोरेट कंपनियों के खिलाफ लड़ाई लड़ रही थी। उसके लिए बिजनेस जगत के लोग सिर्फ स्वार्थी, लालची और निर्दयी होते थे। उन दोनों का कोई मेल नहीं था, लेकिन किस्मत ने उन्हें एक ऐसे