इश्क़ का दूसरा नाम

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चलिए एक नई कहानी शुरू करते है –रायपुर की तंग गलियों में बसी एक छोटी-सी बस्ती, जहाँ हर सुबह ज़िंदगी एक नई उम्मीद के साथ जागती थी। इसी बस्ती में रहती थी कोमल, एक पढ़ी-लिखी, आत्मनिर्भर लड़की, जिसने अभी-अभी शहर के एक प्रतिष्ठित स्कूल में टीचर की नौकरी शुरू की थी। वह खुशमिजाज थी, सपनों से भरी हुई और अपने जीवन में एक सही साथी की तलाश में थी। लेकिन प्यार उसे वहाँ मिलेगा, जहाँ उसने सोचा भी नहीं था।   कोमल का घर स्कूल से ज्यादा दूर नहीं था, इसलिए वह रोज़ सुबह पैदल ही जाया करती थी। रास्ते में कई