वो जो किताबों में लिखा था - भाग 10

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"वो जो किताबों में लिखा था" – भाग 10“यादों की वापसी और समय का घुमाव”आरव अब हर दिन लाइब्रेरी आता था, वही पुरानी किताबें, वही धूल भरी अलमारियाँ, और वही सन्नाटा। लेकिन उस दिन कुछ अलग था।वो लड़की — जो पिछले हफ्ते किताब माँगने आई थी — आज फिर आई थी।सांवली-सी, शांत चेहरे वाली, लेकिन उसकी आँखों में कुछ ऐसा था… जैसे कोई अधूरी बात कहना चाहती हो।"आप फिर यहीं?" उसने मुस्कराते हुए पूछा।आरव ने भी मुस्कराकर सिर हिलाया,"हाँ, मुझे किताबों से बातें करना अच्छा लगता है।"वो हँसी, एकदम वैसी ही हँसी…जैसी नायरा की थी।आरव के दिल में कुछ हिला।"क्या…