वो जो किताबों में लिखा था - भाग 6

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"वो जो किताबों में लिखा था" – भाग 6(रहस्य, आत्मा, और खोई हुई पहचान का संगम)तीसरा द्वार खुलते ही, किताब की चमक बुझने लगी, लेकिन एक गहरा नीला प्रकाश उस जगह में फैल गया। दीवारें धीरे-धीरे पारदर्शी होने लगीं, और उनके पीछे एक पूरी दुनिया छिपी हुई दिखने लगी — एक उजाड़ महल, जिसके गलियारों में सन्नाटे की चीखें गूंज रही थीं।"ये… ये कहाँ हैं हम?" आरव ने कांपती आवाज़ में पूछा।नायरा कुछ देर चुप रही, फिर बोली, "अब हम उस समय में प्रवेश कर चुके हैं जो किताब में बंद था — अतीत का वह टुकड़ा, जहाँ से सब