रामू एक साधारण मध्यमवर्गीय व्यक्ति था, जो अपने परिवार के साथ एक छोटे से गांव में रहता था। उसकी जिंदगी में ज्यादा सुख-सुविधाएं तो नहीं थीं, लेकिन अपने पत्नी और दो बच्चों के साथ वह मेहनत-मजदूरी करके गुजारा कर लेता था। उसका एक सपना था कि वह अपने परिवार के लिए एक पक्का घर बनाए, ताकि बारिश में छत न टपके और सर्दियों में ठंड से बच्चे न कांपें। जब उसे पता चला कि सरकार की एक योजना है, जिसमें गरीब और मध्यमवर्गीय लोगों को पक्का घर बनाने के लिए आर्थिक मदद दी जाती है, तो उसके मन में उम्मीद