वो जो किताबों में लिखा था - भाग 2

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भाग 2 – किताब का पहला आदेशआरव की आँखों में नींद का नामोनिशान नहीं था। किताब अब उसकी मेज़ पर ऐसे रखी थी जैसे वो उसे घूर रही हो। कमरे का तापमान अचानक कम हो गया था, और खिड़की के बाहर की हवा में भी अजीब-सी सरसराहट थी।अचानक किताब के पन्ने फिर से अपने आप पलटने लगे। इस बार उसमें एक पूरा अनुच्छेद उभरा:> "यदि तुमने इसे पढ़ लिया है, तो अब पीछे हटना असंभव है। तुम्हें पहले आदेश का पालन करना होगा — ‘पुरानी हवेली की तीसरी मंज़िल पर जो दरवाज़ा बंद है, उसे खोलो।’"आरव कांप गया। वह जानता