कॉलेज में तीसरा दिन था।शिवम अब धीरे-धीरे इस नए माहौल से घुलमिल रहा था। हर सुबह वह सबसे पहले प्राची को देखने की कोशिश करता—कभी लाइब्रेरी के गलियारे में, कभी कैंटीन की कतार में, और कभी-कभी क्लासरूम के कोने से चुपचाप उसकी ओर देखता हुआ।प्राची का आत्मविश्वास उसे हैरान करता था। वो तेज़ चलती थी, तेज़ बोलती थी, लेकिन दिल से बिल्कुल साफ़ थी। हर विषय में उसकी पकड़ मज़बूत थी, और उसका नाम अब कॉलेज की चर्चाओं में आने लगा था—लेकिन सिर्फ पढ़ाई की वजह से, किसी दिखावे की वजह से नहीं।एक दिन ब्रेक टाइम में, क्लास के बाहर