"दादी का ड्रामा"भव्य ड्राइंग रूम—मिलन का नाटकऔर तभी वहां दानिश कि माँ त्रिशा कि फ्रेंड सोनिया पोद्दार की फ्रेमली [ हज बेड (देव पोद्दार) और बेटी ( रिटा पोद्दार) ] आ जाते हैं जिन्हें देख त्रिशा खुशी से फुले नहीं समा रही थी | यहां दादी उन्हें ही देख रही थी |(त्रिशा सोनिया को उत्साह से गले लगाती है। सोनिया भी हंसते हुए उसे बांहों में भर लेती है। दादी पास खड़ी हैं, लेकिन उनकी आँखों में संदेह की परछाईं है। वे धीरे से नौकरानी की ओर मुड़ती हैं और व्यंग्य भरे स्वर में फुसफुसाती हैं।)दादी (हल्के कटाक्ष के साथ,