माफिया, नेता, पुलिस गठजोड़ मेँ युवा आईपीएस का नया चेहरा ---------------------------------------- नीरज पाण्डेय ने अपनी पहली ही फ़िल्म ए वेनेसडे से चौकाया था. उसमें अनुपम खेर, नसीर के माध्यम से एक कॉमन मेन के आक्रोश को अभिव्यक्ति दी गई थी. फ़िल्म आज भी कल्ट है. आपको पसंद आएगी. इसके बाद बेबी, आतंकवाद को गहरे नजरिये से देखने की ख्वाहिश. फिर नाम शबाना, स्पेशल छबीस फिर वेब सीरीज के के मेनन, डेनी को लेकर. जो नए प्रयोग कर रहे निर्देशक, निर्माता हैँ उनमें नीरज पाण्डेय काफ़ी आगे आते हैँ. यथार्थ के धरातल पर कहानी कहने का असरदार हुनर और साथ में