काव्य लहरी में दो खण्ड है जिसका प्रथम खंड मुक्तक वीथिका कवि कि भावनाओं संस्कृति संस्कारो एव आचरण के वास्तविकता कि ऐसी अभिव्यक्ति जिसमे आत्मा परमात्मा के मौलिक मूल्यों का जीवन दर्शन जीवन तथा जीवन पथ के मर्म मर्यादाओं कि नैतिकता का शाश्वत सत्य विचार व्यवहार कि काव्यात्मक अभिव्यक्ति दृष्टि ,दिशा दृष्टिकोण का शाश्वत प्रवाह है मुक्तक वीथिका का संगम है काव्य लहरी।कवि विचारक कि शैली कि सुंदर कृति है शिव कुमार शर्मा जी स्वंय के जीवन मे जिस सौम्यता को निरूपित करते है उनकी रचना धर्मिता भी उतनी ही शौम्य ,परिपक्व ,परिपूर्णता निर्मल निश्चल धारा है मुक्तक वीथिका कि