और वे लौट आये थे ।ऑफिस में संजना के व्यवहार में अंतर नहीं आया था।लेकिन यश फिर भी हैय्य हलो कर ही लेता था।केकेएक शनिवार को लंच ब्रेक में यश संजना से बोला"शाम को एक बात करनी हैऔर शाम को ऑफिस से बाहर निकलने पर यश उससे बोला,"कल शाम को फ्री हो।""क्यो?"कल शाम को जुहू आ जाओ ""क्यो?""मुझे तुमसे कुछ बात करनी है।""तो उसके लिये जुहू जाने की क्या जरूरत है।बात तो कही भी की जा सकती है"कुछ बाते ऐसी होती है जो शांत वातावरण में ही हो सकती है,"यश बोला,"आओगी न1और संजना मान गयी थीसन्डे को यश को संजना