" इच्छा... तुम... नहीं नहीं तुम मेरी इच्छा नहीं हो सकती... " जोरो से हॅसते हुए आवाज गूंजती है.... " सही पहचाना में तेरी इच्छा नहीं हूँ मै.. वो हूँ जो तू सोच भी नहीं सकता..... तेरी ये इच्छा अब मेरे वश में है.... "".... इच्छा... " ओह! ये एक सपना था पर ये अजीब सपना क्यों आया मेरी इच्छा ठीक तो है न.. मुझे उसे इस तरह छोड़कर नहीं आना चाहिए था.... में वापस इंडिया जाऊंगा मेरी इच्छा मेरा इंतजार कर रही होंगी.... " " शक्ति.. बेटा उठ गया तू... " शक्ति अपनी माँ के गले लगते हुए कहता है... "