घोड़े और तोपेंकिसी ने बहुत अच्छा कहा है कि रणजीत सिंह घोड़ों और तोपों के लिए दीवाने रहते थे। मेटकाफ के अनुसार : “तोपों के लिए महाराजा का दीवानापन और उनके वजन के लिए उनका आकर्षण इतना ज्यादा है कि किसी तोप के मिलने का कोई भी मौका वह हाथ से नहीं जाने दे सकते थे। उन्हें अगर पता चल जाए कि किसी किले में कोई तोप मौजूद है, तो वह तब तक चैन नहीं लेंगे जब तक कि उस तोप को पाने के लिए वह उस किले को ही फतह न कर लें और या फिर किले को उनसे