नवसंवत्सर सिद्धार्थी -2082 - भाग 1

  • 591
  • 144

  जीवन का प्रत्येक पल प्रहर नव संदेश का आगमन होता है एवं प्रत्येक सूर्योदय नव सूर्योदय अर्थात सत्य यही है कि प्रत्येक प्राणी का जीवन उसके जीवन के प्रत्येक पल प्रहर के अनुसार ही परिभाषित होता है एव जाना पहचाना जाता है ।समय कि गणना के लिए पल प्रहर प्रभात संध्या दिवस रात्रि दिवस सप्ताह पक्ष माह वर्ष में विभाजित कर राशियों एव ग्रहों कि गति एव उनकी स्थिति के अनुसार समय काल कि गणना कि जाति है ।दिवस चौबीस प्रहर का सप्ताह सात दिवस का और पक्ष पंद्रह दिवसों का  एव माह दो पक्षो को मिलाकर तीस दिवसों