नफ़रत-ए-इश्क - 46

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सुबह का वक्त ,अग्निहोत्री हाउससुबह 6:00 बजे विराट अपने कमरे में आया और आते ही उसकी नजर बेड पर पड़ी जहां पीहू और तपस्या दोनों ही बेफिक्र सो रहे थे। दोनों को देखकर बरबस ही उसके होठों पर एक सुकून भरी मुस्कान तैर गई।तपस्या पूरी दिन दुनिया से बेखबर पीहू से ब्लैंकेट खींचकर खुद के इर्दगिर्द लिपटकर सो रही थी। और वहीं पर पीहू हल्की सर्दी में कसमसा रही थी। उसने सिर हिलाया और बेड के पास जाकर तपस्या और पीहू दोनों को ही ब्लैंकेट से ठीक से कवर कर लिया और वहीं खड़ा कुछ पल के लिए दोनों के