अतीत का साया - 2

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"दोस्ती में नो थैंक्सऔर उस दिन पहली बार संजना बोली थी।संजना किसी से घुली मिली नही थी।वह अपनी साथी महिला कर्मियों से भी दूरी बनाए रहती।यश से भी बात नही होती थी।लेकिन यश अपनी तरफ से उससे हाय, हलो करने लगा था कभी कभी पूछ लेतासंजना कैसी होउसका जवाब बड़ा नपा तुला होता"ठीक हूँ।"एक दिन किसी काम से यश को संजना की सीट पर जाना पड़ा था।काम की वात करने के बाद यश बोला,"तुम्हे चाय ज्यादा पसन्द है या कॉफी?""क्यो?""क्या नही पूछ सकता?""कॉफी।"यश  को उसने जवाब दिया था।"तो आज शाम को ऑफिस के बाद मेरे साथ कॉफी पीना पसन्द करोगी।"यश