31 खाना खाकर उन तीनों ने अपनी अपनी थालियाँ धोई और नीम की छाँव में जा बैठे । जतिन गगन की आगे की कहानी सुनने के लिए उत्सुक था । रविंद्र भी जानना चाहता था कि ऐसा क्या हो गया कि गगन ने अपनी ही प्रेमिका को बेरहमी से मार दिया तो वे उत्सुकता से गगन को देखने लगे । सुना रहा हूँ , सुना रहा हूँ । जतिन से बिल्कुल सब्र नहीं हो रहा था । भाई तुम्हारी हर रोज की तपस्या का कोई फल मिला भी या नहीं . या यों ही सुबह उठ कर एक