दिल ने जिसे चाहा - 1

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मैं यह कहानी दोबारा लिख रही हूँ, लेकिन इस बार बिल्कुल वैसे, जैसे मैंने इसे अपने दिल में महसूस किया था। मेरी पहले की कहानी "दिल से दिल तक: एकतरफा सफर" से यह काफी मिलती-जुलती होगी, लेकिन इस बार यह और गहरी होगी, और भी ज्यादा भावनाओं से भरी हुई।यह वही कहानी है, लेकिन अब मैं इसे वैसे शब्दों में पिरोऊँगी, जैसे मैंने इसे अपने मन में जिया था—हर एहसास को, हर भावना को और भी खूबसूरती से व्यक्त करते हुए। कुछ किस्से वही रहेंगे, लेकिन इस बार वे और ज्यादा जीवंत होंगे, क्योंकि मैं इसे केवल लिख नहीं रही,