शापित देवता - 4

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भाग 3 का सारांशअर्जुन गाँव से भागकर सोच रहा था कि वह श्राप से बच गया, लेकिन जल्द ही उसे एहसास हुआ कि कोई अदृश्य ताकत लगातार उसका पीछा कर रही है। हर रात उसे अजीब छायाएँ दिखने लगीं, दीवारों पर अज्ञात आकृतियाँ उभरने लगीं और मंदिर में सुनी गई आवाज़ें फिर से उसके कानों में गूंजने लगीं—"अभी खेल खत्म नहीं हुआ... तुझे वापस आना होगा!" उसका डर तब और बढ़ गया जब उसने अपने आईने में देखा कि उसकी परछाई अपनी मर्जी से हिल रही थी और... मुस्कुरा रही थी। अर्जुन को समझ नहीं आ रहा था कि यह