समाज की कुप्रथाओं के खिलाफ संघर्षकहानी से यह शिक्षा मिलती है कि किसी भी समाज में अगर कोई कुप्रथा या गलत परंपरा प्रचलित हो, तो उसका विरोध करना जरूरी है। अर्चना ने सती प्रथा और अन्य कुप्रथाओं के खिलाफ जो आंदोलन शुरू किया, वह हमें यह सिखाता है कि समाज में बदलाव लाने के लिए एक व्यक्ति भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। जब तक समाज के हर व्यक्ति में अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता नहीं होती, तब तक कुप्रथाएँ समाप्त नहीं हो सकतीं। अर्चना का संघर्ष यह दिखाता है कि जब हम समाज के अन्याय के खिलाफ खड़े होते