काली किताब - 3

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कुछ दिनों बाद वरुण की ज़िंदगी फिर से अजीब घटनाओं का साक्षी बनने लगी। रातों में उसे खौफनाक सपने आने लगे, जहाँ काली किताब के पन्नों से निकलते अंधेरे साये उसकी नींद उड़ा देते थे। दिन के उजाले में भी उसके चारों ओर कुछ अनदेखा सा महसूस होने लगा – हवेली के पास के जंगल में अजीब रोशनी झलकती, सुनसान पगडंडों पर हल्की-हल्की फुसफुसाहट गूँजती। गाँव के बुजुर्ग बताने लगे कि काली किताब केवल एक श्रापित वस्तु नहीं है, बल्कि उसका संबंध एक प्राचीन आत्मा से है, जिसे सदियों पहले एक महान साधु ने अपने शत्रुओं से बदला लेने के