काली किताब - 2

कई वर्षों के बीतने के बाद गाँव में फिर से एक अजीब सी हलचल मच गई थी। लोग अब भी उस पुरानी हवेली के बारे में फुसफुसाते थे, जहाँ काली किताब की कहानियाँ पीढ़ियों से सुनाई जाती थीं। एक युवा मनोवैज्ञानिक, वरुण, जिसे अतीत की रहस्यमयी कथाएँ जानने का अत्यधिक शौक था, ने तय किया कि वह इन कहानियों के पीछे छिपे सच का पता लगाएगा। एक बरसाती रात, जब बूंदों की टपकन ने हवेली की टूटी-फूटी दीवारों पर एक नया संगीत बिखेर दिया, वरुण उस सुनसान हवेली के पास पहुँचा। हवेली का प्रवेशद्वार खुले दरवाजे की तरह उसे आमंत्रित कर