नफ़रत-ए-इश्क - 43

"कंग्रॅजुलेशंस mrs ओबेरॉय"..... तपस्या के  मंडप में जाते ही सिद्धार्थ मुस्कुरा कर बोला और दुल्हन के जोड़े में तपस्या को हवश भरी नजरों से  देखने लगा ।"अभी टाइम है तो हमारे सरनेम चेंज करने की जरूरत नहीं है जब वक्त आएगा  वो खुद ब खुद चेंज हो जाएगा।" तपस्या  चिढ़ कर  बोली ।"और मेरी जान.....  वो वक्त आने में बस  थोड़ा ही वक्त बाकी है ...अभी आप और मैं शादी के मंडप में है फिर आपकी मांग में मेरे नाम का सिंदूर होगा और आपके गले में मेरे नाम का मंगलसूत्र और फिर हमारा सुहागरात  ......."वो शरारत से  बोला। तपस्या