(भाग 10) सिसकियां कुछ देर में थम गईं और वह शांत हो गई। तब मैं सोचने लगा कि अब यह जल्दी से सो जाय तो उधर चला जाऊं। स्पर्श से बचना चाहिए क्योंकि इससे कामोत्तेजना की भावना जाग सकती है, जो मुझे आत्म-नियंत्रण से दूर कर देगी। आत्म-नियंत्रण बनाए रखूं, अनुशासन और संयम बनाए रखूं यह जरूरी है, अन्यथा कल सरीखी अधूरी घटना आज पूरी घट गई तो सफेदी में दाग लग जायेगा। यह नादान है तो क्या, मैं तो परिपक्व हूँ! वैसे यह नादान यानी अनुभवहीन या अज्ञान तो नहीं है। जिसने पति से संसर्ग किया हो और गर्भवती