अब आगे................एकांक्षी बुक को पढ़ते हुए नींद आने की वजह से बार बार आंखें बंद कर लेती ...धीरे धीरे वो पूरी तरह नींद के आगोश में खो जाती है जिसका अधिराज बहुत देर से इंतज़ार कर रहा था । उसके सोते ही अधिराज अपने रूप में आता है सबसे पहले उसके हाथ में लगी बुक को लेकर साइड में रखता है फिर धीरे से उसे दूसरे पिलो के सहारे लिटा देता है.... जैसे ही ब्लैंकेट उड़ा के उससे दूर हटता है, एकांक्षी उसके हाथ को पकड़ लेती है.... उसके हाथ पकड़ने से अधिराज के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है