आरव और ज़ोया एक-दूसरे का हाथ थामे सुरंग के अंदर बढ़े। जैसे-जैसे वे आगे बढ़ रहे थे, दीवारों पर अजीब-सी आकृतियाँ उभरने लगीं। ये आकृतियाँ इंसानों जैसी लग रही थीं, लेकिन उनके चेहरे धुंधले और डरावने थे। हवा में हल्की-सी बड़बड़ाहट गूंज रही थी, जैसे कई लोग एक साथ फुसफुसा रहे हों। सुरंग के अंत में, जहाँ दो जलती हुई आँखें दिख रही थीं, वहाँ अब धीरे-धीरे एक आकृति उभरने लगी। यह कोई आम जिन्न नहीं था—यह किसी पुराने राजा की आत्मा जैसी दिख रही थी। लंबा शरीर, काले कपड़े, सिर पर टूटा हुआ मुकुट और उसकी लाल आँखों में जलती