आरव और ज़ोया की ज़िंदगी अब नई शुरुआत की ओर बढ़ चुकी थी। हवेली की डरावनी यादें पीछे छूट चुकी थीं, लेकिन औरत की कही बात आरव के दिल में कहीं गहरे बैठ गई थी—**"अब तुम्हारे पास सिर्फ़ 15 साल बचे हैं…"** क्या ज़ोया इस सच के साथ जी पाएगी? क्या वे इन 15 सालों में एक पूरी ज़िंदगी जी पाएंगे? ### **समय बीतता गया…** आरव और ज़ोया ने शादी कर ली। वे एक छोटे से पहाड़ी शहर में बस गए, जहाँ हर सुबह सूरज की किरणें उनकी खिड़की पर दस्तक देतीं और हर रात वे एक-दूसरे की बाहों में समा जाते। आरव