सुबह का समय, राणा जिम का बेसमेंट, सिद्धांत ने उस गुंडे की उंगली काट दी और उस गुंडे की चीख उस पूरे कमरे में गूंज उठी । सिद्धांत ने उस कटी हुई ऊंगली को एक पैकेट में रखते हुए बिल्कुल आराम से कहा, " अब क्या कर सकते हैं , अब तो ये कट गई । " फिर उसने उस गुंडे की ओर देख कर कहा, " सॉरी, माय बैड ! " फिर उसने उस पैकेट को अपने हाथ में लिए हुए ही अपने हाथों को पीछे किया और अपने ग्लव्स उतारते हुए आराम से चारो ओर घूम कर