फिल्म समीक्षा: छावा और औरंगजेब की क्रूरता ___________________________ सच में इस देश में दोगले और झूठे लोगों की कमी नहीं। जिन्होंने देश के गौरवशाली इतिहास को हर जगह दबाया, छुपाया ही नहीं अपितु गलत लिखा भी और आधी सदी पढ़ा भी दिया। पता नहीं उन्होंने ऐसा राष्ट्रद्रोह क्यों किया? क्या उन्हें जरा भी शर्म, बेइज्जती, देश की इज्जत को धूमिल करते महसूस नहीं हुई? ऐसा इसलिए कि कल छावा, संभाजी राव, छत्रपति शिवाजी के पुत्र, के आत्मगौरव और राष्ट्र रक्षा पर बनी फिल्म देखी। पर्याप्त शोध और तर्कों के आधार पर दो वर्षों में फिल्म की पटकथा लिखी गई यह