भाग 1 का सारांश: एक प्रतिभा का उदय येल्लप्रगडा सुब्बाराव का जन्म 1895 में आंध्र प्रदेश के भीमवरम गाँव में हुआ। उनका परिवार साधारण था, और उन्होंने गरीबी में जीवनयापन किया। बचपन में उनकी जिज्ञासा और ज्ञान की प्यास ने उन्हें विज्ञान की ओर आकर्षित किया। उनके बड़े भाई की मृत्यु ने सुब्बाराव को चिकित्सा के क्षेत्र में जाने के लिए प्रेरित किया। प्रारंभिक शिक्षा मद्रास में हुई, और आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद, उन्होंने स्थानीय दानदाताओं की मदद से अपनी शिक्षा जारी रखी। औपनिवेशिक भारत के कठोर शिक्षा तंत्र में भी सुब्बाराव ने अपनी अलग पहचान बनाई। स्कूल के दिनों