यादों के रास्ते

  • 2.4k
  • 1
  • 861

फ़्लाइट में बैठा शिव अपने गाँव और बचपन की यादों में खोया हुआ था | सालों बाद वो अपने गाँव वापिस जा रहा था। * ये कहानी सुनाने से पहले चलिए आपको ले चलता हु हमारे दो दोस्तों के बचपन में जहाँ से इस कहानी की शुरुआत हुई। *गुजरात के पोरबंदर जिले में चरणपुरा करके एक गाँव था, जब मोबाइल फ़ोन का ज़माना शुरू भी नहीं हुआ था, उन दिनो में २ दोस्तों ने अपने स्कूल की शुरुआत की... शिव और विवेक... स्कूल के पहले दिन बच्चे को स्कूल भेजना मतलब तोबा-तोबा, जो छोड़ ने आया है उसको अपनी नानी