इश्क दा मारा - 70

  • 444
  • 132

गीतिका की तरफ सुन कर यूवी बोलता है, "मगर मुझे तो मिलना है, और ये तुम्हारी टेंशन है कि तुम कहा पर आओगी"।तब गीतिका बोलती है, "अपनी गुंडा गर्दी न किसी और को दिखाना, मेरे सामने गुंडा गर्दी करने की कोई जरूरत है "।तब यूवी बोलता है, "जब मैं गुंडा हूं तो गुंडा गर्दी ही करूंगा ना"।तब गीतिका बोलती है, "आप समझते क्यों नहीं हैं बात को, मैं कल नहीं मिल पाऊंगी "।तब यूवी बोलता है, "मगर मैं भी क्या करु, तुमसे मिले बिना रह नहीं पाता हूं ना "।तब गीतिका बोलती है, "रात को मिल लेंगे छत पर "।तब