भाग 2 का सारांशअर्जुन, जो भटावली गाँव की रहस्यमयी घटनाओं को अंधविश्वास मानकर आया था, अब खुद एक डरावनी सच्चाई का सामना कर रहा था। मंदिर के भीतर उसे किसी अदृश्य शक्ति ने जकड़ लिया, और भयानक छायाएं उसे घेरने लगीं। एक विकृत देवता की आकृति प्रकट हुई, जिसकी तीसरी आँख से रक्त टपक रहा था। अर्जुन ने अपनी पूरी हिम्मत बटोरकर साधु से प्राप्त लोहे की मूर्ति को हवा में लहराया, जिससे मंदिर में भयावह ऊर्जा फैल गई। अचानक, एक ज़ोरदार विस्फोट हुआ और अर्जुन बेहोश होकर गाँव के बाहर फेंक दिया गया। जब उसने होश संभाला, तो गाँव